Royal Enfield Success Story: सिद्धार्थ लाल ने शहर के 18-35 साल के युवाओं को टारगेट करते हुए साल 2001 में 350 सीसी बुलेट इलेक्ट्रा उतारी थी। इसके बाद कंपनी ने साल 2002 में थंडरबर्ड पेश की थी। ये दोनों बाइक युवाओं को काफी पसंद आई। कंपनी की बिक्री में अचानक काफी बढ़ गई।
नई दिल्ली: बुलेट आज युवाओं की पहली पसंद बन चुकी है। जब कभी भी आप अपने पास थड़-थड़ की आवाज सुनते हैं तो आप समझ जाते हैं कि कोई बुलेट पास से गुजर रही है। भारत में युवाओं के बीच स्टाइल और एलीट क्लास की पसंदीदा पावर बाइक बन चुकी बुलेट अब दुनिया भर में युवाओं की पसंद बनने वाली है। आज रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) मुनाफा कमाने वाली सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। लेकिन क्या आपको पता है साल 1994 में एक समय ऐसा था जब बुलेट दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी। बुलेट की पेरेंट कंपनी (Bullet Parent company) इसे बंद करना चाहती थी, लेकिन, एक शख्स ने इसे फिर से शान की सवारी बनाने का बीड़ा उठाया। इस शख्स का नाम सिद्धार्थ लाल है। 26 साल के युवा सिद्धार्थ लाल ने बुलेट को दिवालिया होने की कगार से देश की सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी बना दिया है।
ग्रुप को हुआ था भारी नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2000 में आयशर ग्रुप को घाटा हुआ था। ग्रुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव्स की राय में रॉयल एनफील्ड को बेचना या बंद करना सही फैसला था। ग्रुप के इस डिवीजन को 20 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस दौरान विक्रम लाल के बेटे सिद्धार्थ लाल ने डिवीजन को नेट प्रॉफिट में लाने के लिए 24 महीने का समय मांगा था। सिद्धार्थ डिवीजन के हेड बने और सबसे पहले उन्होंने जयपुर का नया एनफील्ड प्लांट बंद किया। इसके बाद डीलर डिस्काउंट खत्म किया। इससे कंपनी पर हर महीने 80 लाख रुपये का भार पड़ रहा था। सिद्धार्थ लाल ने तय किया कि दूसरे मार्केट या सेगमेंट में उतरने से अच्छा है कि मौजूदा ब्रांड को मजबूत करने की कोशिश की जाए।
इस तरह की शुरुआत
सिद्धार्थ लाल ने शहर के 18-35 साल के युवाओं को टारगेट करते हुए साल 2001 में 350 सीसी बुलेट इलेक्ट्रा उतारी थी। इसे कामयाबी मिली और युवाओं को ये बहुत पसंद आई। इसके बाद कंपनी ने साल 2002 में थंडरबर्ड पेश की। इसके बाद कंपनी मुनाफे में पहुंचने लगी। सिद्धार्थ ने रीटेल आउटलेट्स और मार्केटिंग पर काफी ध्यान दिया। उन्होंने ऐसे आउटलेट्स शुरू किए जहां बाइक खरीदने वालों को बेहतर एक्सपीरियंस दिया जा सके।
लोगों की बदली सोच
बुलेट का ट्रेडमार्क मेड लाइक ए गन है. साल 1960 में रॉयल इनफील्ड ने इंग्लैंड में अपनी पहली मोटरसाइकिल बनाई थी। इसके बाद Royal Enfield कंपनी लगातार अपने प्रोडक्ट और डिजाइन में इनोवेशन करती रही। आज जो बुलेट देखने को मिल रही हैं वह उसी इनोवेशन का रिजल्ट है। सिद्धार्थ लाल ने लोगों की बुलेट के बारे में सोच को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है।