09-07-2023, 01:01 PM
मीडिया में खबरें आई कि टाटा ग्रुप हल्दीराम को खरीदने की तैयारी कर रहा है। टाटा कंज्यूमर्स हल्दीराम में 51% हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। लेकिन अब टाटा कंज्यूमर्स ने इस रिपोर्ट को खंडन किया है। बता दें कि भारत में नमकीन स्नैक्स का मार्केट 620 करोड़ रुपये का है। इस स्नैक्स बाजार में हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी की है।
हाइलाइट्स
हल्दीराम की मांग ज्यादा
बता दें कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यूके की चाय कंपनी टेटली का मालिक है और भारत में स्टारबक्स के साथ साझेदारी करता है। रिपोर्ट में कहा गया कि टाटा 51% से अधिक की हिस्सेदारी खरीदना चाहता है, लेकिन उनका कहना है कि हल्दीराम की मांग बहुत अधिक है। हल्दीराम की शुरुआत 1937 में स्थापित एक छोटी सी दुकान से हुई थी।
देश में स्नैक्स का बड़ा बाजार
गंगा विशन अग्रवाल छोटी सी दुकान में भुजिया , नमकीन बेचते थे। विशन अग्रवाल की मां उन्हें प्यार से हल्दीराम कहकर बुलाती थी, इसलिए उन्होंने अपने नमकीन का नाम भी 'हल्दीराम' ही रखा। उन्होंने नमकीन और भुजिया बनाने की कला अपनी बुआ ‘बीखी बाई’ से सीखी थी। हालांकि उन्होंने इसे बनाने में कई बदलाव किए। हल्दीराम का कारोबार पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है।
अगर नमकीन मार्केट की बात करें तो भारत में नमकीन स्नैक्स का मार्केट 620 करोड़ रुपये का है। इस स्नैक्स बाजार में हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी की है। भारत के अलावा सिंगापुर, अमेरिका में भी कंपनी का कारोबार है। नमकीन के अलावा मिठाईयां, वेस्टर्न कुजीन के ससाथ कंपनी के 150 से अधिक रेस्टोरेंट है।
हाइलाइट्स
- टाटा ग्रुप ने हल्दीराम को खरीदने की रिपोर्ट का खंडन किया
- हल्दीराम की शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी
- भारत में नमकीन स्नैक्स का मार्केट 620 करोड़ रुपये का है
हल्दीराम की मांग ज्यादा
बता दें कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यूके की चाय कंपनी टेटली का मालिक है और भारत में स्टारबक्स के साथ साझेदारी करता है। रिपोर्ट में कहा गया कि टाटा 51% से अधिक की हिस्सेदारी खरीदना चाहता है, लेकिन उनका कहना है कि हल्दीराम की मांग बहुत अधिक है। हल्दीराम की शुरुआत 1937 में स्थापित एक छोटी सी दुकान से हुई थी।
देश में स्नैक्स का बड़ा बाजार
गंगा विशन अग्रवाल छोटी सी दुकान में भुजिया , नमकीन बेचते थे। विशन अग्रवाल की मां उन्हें प्यार से हल्दीराम कहकर बुलाती थी, इसलिए उन्होंने अपने नमकीन का नाम भी 'हल्दीराम' ही रखा। उन्होंने नमकीन और भुजिया बनाने की कला अपनी बुआ ‘बीखी बाई’ से सीखी थी। हालांकि उन्होंने इसे बनाने में कई बदलाव किए। हल्दीराम का कारोबार पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है।
अगर नमकीन मार्केट की बात करें तो भारत में नमकीन स्नैक्स का मार्केट 620 करोड़ रुपये का है। इस स्नैक्स बाजार में हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी की है। भारत के अलावा सिंगापुर, अमेरिका में भी कंपनी का कारोबार है। नमकीन के अलावा मिठाईयां, वेस्टर्न कुजीन के ससाथ कंपनी के 150 से अधिक रेस्टोरेंट है।