09-11-2023, 08:30 AM
Reliance Semiconductor Factory : रिलायंस ग्रुप भी भारत में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग की संभावनाएं तलाश रहा है। मुकेश अंबानी की रिलांयस इंडस्ट्रीज ऐसे विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत के शुरुआती चरण में है, जिन्हें टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया जा सके।
हाइलाइट्स
नई दिल्ली : देश में सेमीकंडक्टर प्लांट (Semiconductor Factory) लगाने को लेकर एक बार फिर संभावनाओं का दौर परवान चढ़ने लगा है। गुरुवार को खबर आई थी कि कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन (Foxconn) एसटीमाइक्रो (STMicro) के साथ मिलकर भारत में चिप फैक्ट्री लगाने की योजना बना रहा है। अब आज रिलायंस (Reliance) के भी इस सेक्टर में कूदने की खबरें आ रही हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के ग्रुप ने भी सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग में संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है। रिलांयस इंडस्ट्रीज सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन जरूरतों को पूरा करने और भारत में बढ़ती चिप की डिमांड का लाभ उठाना चाहती है। मामले से जुड़े दो लोगों ने यह जानकारी दी है।
विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत
रिलांयस ग्रुप ऐसे विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत के शुरुआती चरण में हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया जा सके। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'वहां इरादा है, लेकिन कोई समयसीमा नहीं है। हालांकि, अभी इस पर निर्णय लेना बाकी है कि वे अंततः निवेश करना चाहते हैं या नहीं।' विदेशी चिपमेकर्स के नाम अभी सामने नहीं आए हैं। रिलायांस, भारत के आईटी मंत्रालय और पीएमओ से भी इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। रिलायंस का सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग का इरादा इससे पहले कभी सामने भी नहीं आया है।
भारत को दुनिया का चिपमेकर बनाना ताहते हैं पीएम
पीएम मोदी ने घोषणा की हुई है कि वे भारत को दुनिया का चिपमेकर बनते हुए देखना चाहते हैं। पहली बार साल 2021 में ये महत्वाकांक्षाएं जाहिर की गई थीं। लेकिन इस दिशा में कोई खास प्रोग्रेस नहीं हो पायी। देश में अभी तक कोई चिप मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट नहीं है। वेदांता और फॉक्सकॉन चिप प्लांट के लिए साथ आए थे। लेकिन एक साल बाद कोई खास प्रोग्रेस नहीं होने पर डील टूट गई। अब दोनों ही कंपनियां अलग होकर अपनी-अपनी कोशिशें कर रही हैं।
फॉक्सकॉन और एसटीमाइक्रो कर रहे कोशिश
फॉक्सकॉन ताइवान की मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी है। वहीं, एसटीमाइक्रो फ्रांसीसी-इतालवी कंपनी है। ये दोनों कंपनियां 40 नैनोमीटर चिप प्लांट में सरकार का सपोर्ट पाने के लिए आवेदन कर रही हैं। मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। एसटीमाइक्रो के साथ पार्टनरशिप करके कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन चिप इंडस्ट्री दिग्गज के अच्छे-खासे अनुभव का फायदा उठाना चाहता है। ये चिप्स कारों, कैमरों, प्रिंटर्स और दूसरी विभिन्न प्रकार की मशीनों में इस्तेमाल होती हैं।
हाइलाइट्स
- रिलायंस ग्रुप भारत में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग की तलाश रहा संभावनाएं
- टेक्नोलॉजी पार्टनर के लिए विदेशी चिपमेकर्स के साथ हो रही चर्चा
- फॉक्सकॉन एसटीमाइक्रो के साथ मिलकर डालना चाहती है चिप फैक्ट्री
नई दिल्ली : देश में सेमीकंडक्टर प्लांट (Semiconductor Factory) लगाने को लेकर एक बार फिर संभावनाओं का दौर परवान चढ़ने लगा है। गुरुवार को खबर आई थी कि कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन (Foxconn) एसटीमाइक्रो (STMicro) के साथ मिलकर भारत में चिप फैक्ट्री लगाने की योजना बना रहा है। अब आज रिलायंस (Reliance) के भी इस सेक्टर में कूदने की खबरें आ रही हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के ग्रुप ने भी सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग में संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है। रिलांयस इंडस्ट्रीज सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन जरूरतों को पूरा करने और भारत में बढ़ती चिप की डिमांड का लाभ उठाना चाहती है। मामले से जुड़े दो लोगों ने यह जानकारी दी है।
विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत
रिलांयस ग्रुप ऐसे विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत के शुरुआती चरण में हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया जा सके। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'वहां इरादा है, लेकिन कोई समयसीमा नहीं है। हालांकि, अभी इस पर निर्णय लेना बाकी है कि वे अंततः निवेश करना चाहते हैं या नहीं।' विदेशी चिपमेकर्स के नाम अभी सामने नहीं आए हैं। रिलायांस, भारत के आईटी मंत्रालय और पीएमओ से भी इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। रिलायंस का सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग का इरादा इससे पहले कभी सामने भी नहीं आया है।
भारत को दुनिया का चिपमेकर बनाना ताहते हैं पीएम
पीएम मोदी ने घोषणा की हुई है कि वे भारत को दुनिया का चिपमेकर बनते हुए देखना चाहते हैं। पहली बार साल 2021 में ये महत्वाकांक्षाएं जाहिर की गई थीं। लेकिन इस दिशा में कोई खास प्रोग्रेस नहीं हो पायी। देश में अभी तक कोई चिप मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट नहीं है। वेदांता और फॉक्सकॉन चिप प्लांट के लिए साथ आए थे। लेकिन एक साल बाद कोई खास प्रोग्रेस नहीं होने पर डील टूट गई। अब दोनों ही कंपनियां अलग होकर अपनी-अपनी कोशिशें कर रही हैं।
फॉक्सकॉन और एसटीमाइक्रो कर रहे कोशिश
फॉक्सकॉन ताइवान की मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी है। वहीं, एसटीमाइक्रो फ्रांसीसी-इतालवी कंपनी है। ये दोनों कंपनियां 40 नैनोमीटर चिप प्लांट में सरकार का सपोर्ट पाने के लिए आवेदन कर रही हैं। मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। एसटीमाइक्रो के साथ पार्टनरशिप करके कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन चिप इंडस्ट्री दिग्गज के अच्छे-खासे अनुभव का फायदा उठाना चाहता है। ये चिप्स कारों, कैमरों, प्रिंटर्स और दूसरी विभिन्न प्रकार की मशीनों में इस्तेमाल होती हैं।