08-25-2023, 11:19 AM
Success Story: हरियाणा के रहने वाले चक्रधर गाडे ने चाहते हुए भी नौकरी छोड़कर दूध व्यापार में अपना नाम किया। उन्होंने अपनी कंपनी 'कंट्री डिलाइट' की शुरुआत की और अब वह देश के 15 शहरों में दूध और अन्य दैनिक आवश्यकताओं के चीज की डिलीवरी कर रहे हैं। उनकी कंपनी का मार्केट वैल्यू आज 615 मिलियन डॉलर है।
नई दिल्ली: कहते हैं कि किस्मत में जो लिखा होता है, वह हो कर ही रहता है। फिर चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें। हरियाणा के रहने वाले वाले चक्रधर गडे (Chakradhar Gade) के घरवालों को पता नहीं था कि जिस बेटे को उन्होंने पढ़ाया-लिखाया, जिसने अपनी दम पर IIM की डिग्री हासिल की, वो अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर दूध बेचने लगेगा। शुरुआत में घरवाले परेशान तो हुए, लेकिन उन्हें अपने बेटे पर भरोसा था। इसी भरोसे के दम पर चक्रधर रिस्क उठाते रहे और आज 5,000 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं। ये कहानी है पॉपुलर ब्रांड कंट्री डिलाइट (Country Delight) की। आपने भी इसका इस्तेमाल किया हो, ऐप ने ऑर्डर करने के दूध या कुछ और सामान मंगवाया हो, लेकिन इसके पीछे जिस शख्स का दिमाग है, आज उसके बारे में जानिए।
कैसे हुई सफर की शुरुआत
चक्रधर गडे ने साल 2004 में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद इंफोसिस में नौकरी कर ली। करीब एक साल काम करने के बाद उन्होंने इंफोसिस की नौकरी छोड़ दी। चक्रधर ने नौकरी छोड़ IIM इंदौर से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। डिग्री पूरी हुई कि उन्हें Indxx कैपिटल मैनेंजमेंट से नौकरी का ऑफर मिल गया। वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट के साथ लाखों की सैलरी। 6 साल वहां काम करने के बाद लगा कि वह नौकरी के लिए नहीं बने हैं। उन्हें अपना काम करना था, लेकिन क्या, कैसे और कहां? ऐसे सवाल उनके मन में उठ रहे थे। इसी बीच उनकी मुलाकात नितिन कौशन (Nitin Kaushal) से हुई। दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलकर अपना बिजनेस शुरू करने का प्लान तैयार कर लिया।
मिलावटी दूध से परेशान
चक्रधर दिल्ली-एनसीआर में मिलावटी दूध की परेशानी से खुद जूझ रहे थे। यहीं से उन्हें अपने कारोबार का आइडिया मिला। नितिन के साथ मिलकर पहले के दो साल उन्होंने लोगों के घर फ्रेश दूध पहुंचाने का काम किया। साल 2013 में उन्होंने कंट्री डिलाइट की शुरुआत की। लोगों के फीडबैक, उनकी जरूरतों को समझने के लिए वो खुद कई बार दूध की डिलीवरी करने पहुंच जाते। उन्होंने समझ लिया कि लोग मिलावटी दूध से परेशान है। उन्होंने किसानों से सीधे दूध कस्टमर तक पहुंचाने की थ्योरी पर काम करना शुरू किया।
मुश्किलों के बाद मिली सफलता
दोनों ने पहले के दो साल को पार्ट टाइम के तौर पर दूध बेचने का काम किया, लेकिन साल 2015 में उन्होंने नौकरी छोड़कर पूरा फोकस अपने बिजनेस पर लगाया। मार्केट स्टडी की, कस्टमर्स की जरूरतों को समझा, प्लानिंग की और मिशन से जुट गए। कंट्री डिलाइट के जरिए वो लोगों तक नेचुरल, फ्रेश और बिना मिलावट वाला दूध पहुंचाने के काम में जुट गए। किसानों से दूध लेकर उन्हें अगले 24 से 48 घंटे के भीतर कस्टमर तक पहुंचाना होता था। 6 सालों तक उन्होंने अपनी कंपनी को बूटस्टेप पर रखा। साल 2017 में उन्होंने पहली फंडिग हासिल की।
ऐप के जरिए सीधे ग्राहकों से जुड़े
लोगों को कंट्री डिलाइट के दूध पसंद आने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने अपने ब्रांड में सब्जी-फल, पनीर, दही, हल्दी स्नैक्स, बेकरी के प्रोडक्ट जोड़ लिए। ऐप के जरिए सब्सक्रिप्शन मॉडल पर उनका कारोबार चलता है। आज उनकी कंपनी दूध के साथ दैनिक आवश्यकता की कई वस्तुओं को ग्राहकों के घर तक पहुंचाने का काम करती है। एक महीने में वो 5 करोड़ ऑर्डर डिलीवर करते हैं। उनके पास 6 हजार से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स हैं। देश के 15 शहरों में कंट्री डिलाइट कारोबार करती है। इनमें दिल्ली एनसीआर, मुंबई, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, चेन्नई जैसे बड़े शहर शामिल हैं। फाइनेंशियल ईयर 2022 में उन्होंने 600 करोड़ रुपये का ऑपरेशन रेवेन्यू हासिल किया। आज कंट्री डिलाइट का मार्केट वैल्यू 615 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।
नई दिल्ली: कहते हैं कि किस्मत में जो लिखा होता है, वह हो कर ही रहता है। फिर चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें। हरियाणा के रहने वाले वाले चक्रधर गडे (Chakradhar Gade) के घरवालों को पता नहीं था कि जिस बेटे को उन्होंने पढ़ाया-लिखाया, जिसने अपनी दम पर IIM की डिग्री हासिल की, वो अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर दूध बेचने लगेगा। शुरुआत में घरवाले परेशान तो हुए, लेकिन उन्हें अपने बेटे पर भरोसा था। इसी भरोसे के दम पर चक्रधर रिस्क उठाते रहे और आज 5,000 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं। ये कहानी है पॉपुलर ब्रांड कंट्री डिलाइट (Country Delight) की। आपने भी इसका इस्तेमाल किया हो, ऐप ने ऑर्डर करने के दूध या कुछ और सामान मंगवाया हो, लेकिन इसके पीछे जिस शख्स का दिमाग है, आज उसके बारे में जानिए।
कैसे हुई सफर की शुरुआत
चक्रधर गडे ने साल 2004 में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद इंफोसिस में नौकरी कर ली। करीब एक साल काम करने के बाद उन्होंने इंफोसिस की नौकरी छोड़ दी। चक्रधर ने नौकरी छोड़ IIM इंदौर से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। डिग्री पूरी हुई कि उन्हें Indxx कैपिटल मैनेंजमेंट से नौकरी का ऑफर मिल गया। वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट के साथ लाखों की सैलरी। 6 साल वहां काम करने के बाद लगा कि वह नौकरी के लिए नहीं बने हैं। उन्हें अपना काम करना था, लेकिन क्या, कैसे और कहां? ऐसे सवाल उनके मन में उठ रहे थे। इसी बीच उनकी मुलाकात नितिन कौशन (Nitin Kaushal) से हुई। दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलकर अपना बिजनेस शुरू करने का प्लान तैयार कर लिया।
मिलावटी दूध से परेशान
चक्रधर दिल्ली-एनसीआर में मिलावटी दूध की परेशानी से खुद जूझ रहे थे। यहीं से उन्हें अपने कारोबार का आइडिया मिला। नितिन के साथ मिलकर पहले के दो साल उन्होंने लोगों के घर फ्रेश दूध पहुंचाने का काम किया। साल 2013 में उन्होंने कंट्री डिलाइट की शुरुआत की। लोगों के फीडबैक, उनकी जरूरतों को समझने के लिए वो खुद कई बार दूध की डिलीवरी करने पहुंच जाते। उन्होंने समझ लिया कि लोग मिलावटी दूध से परेशान है। उन्होंने किसानों से सीधे दूध कस्टमर तक पहुंचाने की थ्योरी पर काम करना शुरू किया।
मुश्किलों के बाद मिली सफलता
दोनों ने पहले के दो साल को पार्ट टाइम के तौर पर दूध बेचने का काम किया, लेकिन साल 2015 में उन्होंने नौकरी छोड़कर पूरा फोकस अपने बिजनेस पर लगाया। मार्केट स्टडी की, कस्टमर्स की जरूरतों को समझा, प्लानिंग की और मिशन से जुट गए। कंट्री डिलाइट के जरिए वो लोगों तक नेचुरल, फ्रेश और बिना मिलावट वाला दूध पहुंचाने के काम में जुट गए। किसानों से दूध लेकर उन्हें अगले 24 से 48 घंटे के भीतर कस्टमर तक पहुंचाना होता था। 6 सालों तक उन्होंने अपनी कंपनी को बूटस्टेप पर रखा। साल 2017 में उन्होंने पहली फंडिग हासिल की।
ऐप के जरिए सीधे ग्राहकों से जुड़े
लोगों को कंट्री डिलाइट के दूध पसंद आने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने अपने ब्रांड में सब्जी-फल, पनीर, दही, हल्दी स्नैक्स, बेकरी के प्रोडक्ट जोड़ लिए। ऐप के जरिए सब्सक्रिप्शन मॉडल पर उनका कारोबार चलता है। आज उनकी कंपनी दूध के साथ दैनिक आवश्यकता की कई वस्तुओं को ग्राहकों के घर तक पहुंचाने का काम करती है। एक महीने में वो 5 करोड़ ऑर्डर डिलीवर करते हैं। उनके पास 6 हजार से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स हैं। देश के 15 शहरों में कंट्री डिलाइट कारोबार करती है। इनमें दिल्ली एनसीआर, मुंबई, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, चेन्नई जैसे बड़े शहर शामिल हैं। फाइनेंशियल ईयर 2022 में उन्होंने 600 करोड़ रुपये का ऑपरेशन रेवेन्यू हासिल किया। आज कंट्री डिलाइट का मार्केट वैल्यू 615 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।