05-15-2023, 08:01 AM
Success Story: जहां चाह वहां राह. इस कहावत को सच कर के दिखाया है अनुभव दुबे (28) ने जो कभी यूपीएससी एस्पिरेंट रहे थे. उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में अपने दोस्त आनंद नायक के साथ मिलकर फेमस ‘चाय सुट्टा बार’ की स्थापना की थी. अनुभव के पिता एक बिजनेसमैन थे. लेकिन वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी एक व्यावसायी बने. इसलिए उन्होंने अनुभव को दिल्ली यूपीएससी की तैयारी करने के लिए भेज दिया. हालांकि, उनका मन कोई बिजनेस शुरू करने का ही था. इसमें उनका साथ उनके स्कूल के दोस्त आनंद नायक ने दिया.
आनंद के घर में भी कपड़ों का व्यापार होता था. लेकिन वह बंद हो गया. आनंद जानते थे कि अनुभव कोई बिजनेस करना चाहते हैं. एक दिन फोन पर बात करते हुए आनंद ने अनुभव को बताया कि पुराना बिजनेस बंद हो चुका है और अब वे दोनों मिलकर कुछ नया कर सकते हैं. अनुभव बिना माता-पिता को बताए इंदौर पहुंचे. दोनों के पास कुल 3 लाख रुपये की सेविंग थी जिससे बिजनेस शुरू करना था. अनुभव के मन में टी-शॉप खोलने की बात आई. चाय भारत में काफी पसंद की जाती है और कम निवेश में यहां अच्छे रिटर्न की उम्मीद थी.
गर्ल्स हॉस्टल के पास शुरू हुई दुकान
उन्होंने भंवरकुआँ में गर्ल्स हॉस्टल के सामने चाय सुट्टा बार की शुरुआत की. इस इलाके में कई कोचिंग सेंटर थे. इसलिए चाय की दुकान के लिए यह एक प्राइम लोकेशन थी. हालांकि, इसके बावजूद इनकी दुकान पहले दिन बहुत कम ही लोग आए. यही सिलसिला कुछ दिन और चला. इस बार भी दोस्त ही इनकी मदद के लिए आगे आए.
एक अतरंगी आइडिया
जब दुकान पर लोगों का आना बेहद कम दिखा तो अनुभव ने दोस्तों की मदद ली. उन्होंने अपने दोस्तों को दुकान पर बुलाया और फर्जी भीड़ इकट्ठा की. वह उन्हें मुफ्त में खाने-पीने की चीजें देते थे. लेकिन दुकान पर सुबह से शाम तक लोगों की आवाजाही बनी रहती थी. भीड़ देखकर धीरे-धीरे बाहर के लोग भी दुकान की ओर आकर्षित होने लगे. इतना ही नहीं अनुभव के दोस्ते कई भीड़ वाली जगहों पर चाय सुट्टा बार का नाम लेकर लोगों को सुनाने के लिए जोर-जोर से बातें करते थे. इससे लोगों के मन में उत्सुकता पैदा होने लगी. इसी तरह चाय सुट्टा बार का धंधा चल पड़ा.
विदेशों में भी जलवा
अनुभव और नायक ने 6 महीने के अंदर 2 राज्यों में चाय सुट्टा बार की 4 फ्रेंचाइजी बेच दी. फिलहाल देश में इसके 150 आउटलेट हैं. केवल देश ही विदेशों में भी इस कंपनी की फेंचाइजी खुल रही है. चाय सुट्टा बार दुबई, यूके, कनाडा व ओमान जैसे देशों तक पहुंच गया है. खबरों की मानें तो आज कंपनी हर साल 100-150 करोड़ रुपये की सेल करती है.
आनंद के घर में भी कपड़ों का व्यापार होता था. लेकिन वह बंद हो गया. आनंद जानते थे कि अनुभव कोई बिजनेस करना चाहते हैं. एक दिन फोन पर बात करते हुए आनंद ने अनुभव को बताया कि पुराना बिजनेस बंद हो चुका है और अब वे दोनों मिलकर कुछ नया कर सकते हैं. अनुभव बिना माता-पिता को बताए इंदौर पहुंचे. दोनों के पास कुल 3 लाख रुपये की सेविंग थी जिससे बिजनेस शुरू करना था. अनुभव के मन में टी-शॉप खोलने की बात आई. चाय भारत में काफी पसंद की जाती है और कम निवेश में यहां अच्छे रिटर्न की उम्मीद थी.
गर्ल्स हॉस्टल के पास शुरू हुई दुकान
उन्होंने भंवरकुआँ में गर्ल्स हॉस्टल के सामने चाय सुट्टा बार की शुरुआत की. इस इलाके में कई कोचिंग सेंटर थे. इसलिए चाय की दुकान के लिए यह एक प्राइम लोकेशन थी. हालांकि, इसके बावजूद इनकी दुकान पहले दिन बहुत कम ही लोग आए. यही सिलसिला कुछ दिन और चला. इस बार भी दोस्त ही इनकी मदद के लिए आगे आए.
एक अतरंगी आइडिया
जब दुकान पर लोगों का आना बेहद कम दिखा तो अनुभव ने दोस्तों की मदद ली. उन्होंने अपने दोस्तों को दुकान पर बुलाया और फर्जी भीड़ इकट्ठा की. वह उन्हें मुफ्त में खाने-पीने की चीजें देते थे. लेकिन दुकान पर सुबह से शाम तक लोगों की आवाजाही बनी रहती थी. भीड़ देखकर धीरे-धीरे बाहर के लोग भी दुकान की ओर आकर्षित होने लगे. इतना ही नहीं अनुभव के दोस्ते कई भीड़ वाली जगहों पर चाय सुट्टा बार का नाम लेकर लोगों को सुनाने के लिए जोर-जोर से बातें करते थे. इससे लोगों के मन में उत्सुकता पैदा होने लगी. इसी तरह चाय सुट्टा बार का धंधा चल पड़ा.
विदेशों में भी जलवा
अनुभव और नायक ने 6 महीने के अंदर 2 राज्यों में चाय सुट्टा बार की 4 फ्रेंचाइजी बेच दी. फिलहाल देश में इसके 150 आउटलेट हैं. केवल देश ही विदेशों में भी इस कंपनी की फेंचाइजी खुल रही है. चाय सुट्टा बार दुबई, यूके, कनाडा व ओमान जैसे देशों तक पहुंच गया है. खबरों की मानें तो आज कंपनी हर साल 100-150 करोड़ रुपये की सेल करती है.