Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
राजस्थान की ये देवी रूठीं तो दरबार में ही 217 भक??
#1
सीकर जिले के खाटू श्याम मंदिरे भदगड़ मचने के बाद हादसा हो गया, 3 लोगों की जान भी चली गई। लोगों को 14 साल पहले जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में चामुंडा माता मंदिर में हुए हादसे का मंजर याद आ गया। जहां देवी के दरबार में 217 भक्तों की मौत हो गई थी
[Image: fdggfdgfdg_710x400xt.jpg]

जयपुर. खाटू श्याम के दरबार में हुए आज के हादसे के बाद अब खाटू श्याम जी मंदिर में माहौल गमनीन है। लेकिन खाटू श्याम का यह हादसा आज से 14 साल पहले जोधपुर में हुए चामुंडा देवी माता के मंदिर में हुए हादसे के सामने कुछ नहीं है। राजस्थान की चामुंडा देवी जब रुठीं थी तो उनके दरबार में ही दो सौ से भी ज्यादा भक्तों की जान चली गई थी। उस हादसे के बाद करीब दस साल तक जांच पड़ताल ही चलती रही, तय समय पर रिपोर्ट तक नहीं सौंपी गई थी। इस कारण मृतकों और घायलों को सही तरीके से मुआवजा भी नहीं मिल सका था। इस हादसे के बारे में आज भी हर साल सितम्बर के महीने में मृतकों के परिजन चूल्हा तक नहीं जलाते हैं।

सितंबर 2008 में मेहरानगढ़ किले में हुआ था हादसा
दरअसल, सितंबर 30 2008 में जोधपुर जिले के मेहरानगढ़ किले में स्थित चामुंडा माता के मंदिर में मेला लगा हुआ था। नवरात्रि के पहले ही दिन यह मेला लगा था। हजारों  की संख्या में भक्त माता की पहली झलक पाने के लिए मंदिर पहुंचे थे। मंदिर प्रशासन ने इंतजाम भी किए थे। लेकिन इस दौरान सवेरे सवेरे भगदड़ मच गई। अफवाह फैली थी। अफवाह क्या थी यह आज तक पता नहीं चल सका।

देखते ही देखते लाशों का ढेर लग गया
अफवाल फैलने के बाद हजारों की संख्या में भक्त मंदिर के उस संकरे रास्ते की ओर दौड़े जो बेहद छोटा था। कुछ लोग ही बाहर निकल सके। लेकिन इस दौरान भक्त एक दूसरे पर गिरने लगे। देखते ही देखते लाशों का ढेर लग गया। लाशों के पहाड़ पर चढ़कर लोग बाहर जाने के जतन में लगे रहे। जब भीड़ काबू की जा सकी तो पता चला कि उसी दिन 195 जानें चली गई थीं। अगले दो दिनों तक और लोग मरे। एक अक्टूबर तक 217 जानें जा चुकी थीं। प्रत्येक मृतक को सीएम की ओर से दो दो लाख रुपए दिए गए थे। पांच सौ से भी ज्यादा घायलों के परिजनों को हजारों रुपए दिए गए थे। जांच के लिए आयोग गठित किया गया था। उसका नाम चोपड़ा आयोग था। दस सालों तक आयोग हादसे की जांच ही करता रहा। इस हादसे में मारे गए मृतकों के परिजन आज भी तीस सितंबर को अपने परिजनों को याद करते है।
Reply


[-]
Quick Reply
Message
Type your reply to this message here.


Messages In This Thread
राजस्थान की ये देवी रूठीं तो दरबार में ही 217 भक?? - by RuchiD - 01-18-2023, 11:43 AM

Forum Jump:


Users browsing this thread: 7 Guest(s)