09-23-2023, 09:05 AM
पिछले दो महीने से 10 लाख से अधिक नए कामगार जुड़ रहे हैं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से ईपीएफओ से जुड़ने अधिकांश कर्मचारियों की आयु 18-25 के बीच है। देश में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों ही सेक्टर में हो रही जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पिछले 4 साल में 4.86 करोड़ नए लोगों को नौकरी मिली है। ईपीएफओ की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून में 17.89 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े।
नई दिल्ली, जेएनएन। आर्थिक विकास का असर रोजगार पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक संगठित क्षेत्रों में हर महीने 10 लाख से अधिक ऐसे लोग जुड़ रहे हैं जिन्हें पहली बार नौकरी मिली है। इनमें अधिकतर कामगार 18-25 साल के युवा हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून में 17.89 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े। इनमें से 10.14 लाख श्रमिक पहली बार ईपीएफओ से जुड़े थे। वैसे ही इस साल जुलाई में 18.5 लाख श्रमिक भविष्य निधि संगठन से जुड़े। इनमें पहली बार ईपीएफओ से जुड़ने वालों की संख्या 10.30 लाख थी। ईपीएफओ से जुड़ने के मामले में पिछले साल जुलाई के बाद यह संख्या सर्वाधिक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में पहली बार ईपीएफओ से जुड़ने वाले श्रमिकों में 58 प्रतिशत से अधिक श्रमिक 18-25 साल के थे जो यह जाहिर करता है कि औद्योगिक जगत में नई नौकरियां तेजी से निकल रही है। जानकारों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों की गति कायम रहने पर रोजगार में भी तेजी जारी रहेगी।
जानकारों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में फिलहाल मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों ही सेक्टर में तेज बढ़ोतरी हो रही है। इन वजहों से ही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बना हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई में आठ प्रमुख उद्योग (कोर सेक्टर) में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.4 प्रतिशत तो औद्योगिक उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। सर्विस सेक्टर का पीएमआइ भी पिछले साल की तुलना में 5.3 प्रतिशत अधिक है।
31 लाख नए लोग एनपीएस से जुड़े एसबीआई
इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले चार साल से नौकरियों में बढ़ोतरी हो रही है। तभी रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 से लेकर वित्त वर्ष 2023 के बीच 4.86 करोड़ नए कामगार भविष्य निधि संगठन से जुड़े। इस अवधि में 31 लाख नए लोग एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) से भी जुड़े। इस प्रकार एनपीएस व ईपीएफओ की संख्या को जोड़ दिया जाए तो इस अवधि में 5.2 करोड़ लोगों को नौकरियां मिली।
नई दिल्ली, जेएनएन। आर्थिक विकास का असर रोजगार पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक संगठित क्षेत्रों में हर महीने 10 लाख से अधिक ऐसे लोग जुड़ रहे हैं जिन्हें पहली बार नौकरी मिली है। इनमें अधिकतर कामगार 18-25 साल के युवा हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून में 17.89 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े। इनमें से 10.14 लाख श्रमिक पहली बार ईपीएफओ से जुड़े थे। वैसे ही इस साल जुलाई में 18.5 लाख श्रमिक भविष्य निधि संगठन से जुड़े। इनमें पहली बार ईपीएफओ से जुड़ने वालों की संख्या 10.30 लाख थी। ईपीएफओ से जुड़ने के मामले में पिछले साल जुलाई के बाद यह संख्या सर्वाधिक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में पहली बार ईपीएफओ से जुड़ने वाले श्रमिकों में 58 प्रतिशत से अधिक श्रमिक 18-25 साल के थे जो यह जाहिर करता है कि औद्योगिक जगत में नई नौकरियां तेजी से निकल रही है। जानकारों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों की गति कायम रहने पर रोजगार में भी तेजी जारी रहेगी।
जानकारों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में फिलहाल मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों ही सेक्टर में तेज बढ़ोतरी हो रही है। इन वजहों से ही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बना हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई में आठ प्रमुख उद्योग (कोर सेक्टर) में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.4 प्रतिशत तो औद्योगिक उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। सर्विस सेक्टर का पीएमआइ भी पिछले साल की तुलना में 5.3 प्रतिशत अधिक है।
31 लाख नए लोग एनपीएस से जुड़े एसबीआई
इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले चार साल से नौकरियों में बढ़ोतरी हो रही है। तभी रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 से लेकर वित्त वर्ष 2023 के बीच 4.86 करोड़ नए कामगार भविष्य निधि संगठन से जुड़े। इस अवधि में 31 लाख नए लोग एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) से भी जुड़े। इस प्रकार एनपीएस व ईपीएफओ की संख्या को जोड़ दिया जाए तो इस अवधि में 5.2 करोड़ लोगों को नौकरियां मिली।