05-14-2023, 09:40 AM
नई दिल्ली. किसानों के लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन करना भी काफी चुनौती भरा काम होता है. इसमें भी उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार पशुओं के बीमार पड़ने या उनकी मृत्यु हो जाने पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. इस दौरान किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए कई राज्यों की सरकारों द्वारा पशुओं के लिए इंश्योरेंस की सुविधा मुहैया कराई जाती है. अपने पशुओं का इंश्योरेंस कराना किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा ‘पशुधन बीमा योजना’ के माध्यम से किसानों को अपने पालतू जानवरों का इंश्योरेंस कराने की सुविधा दी जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को बीमित पशु की मौत हो जाने पर 50,000 तक का कवरेज दिया जाता है.
से होते हैं ये फायदे
राजस्थान में पशुधन बीमा योजना के तहत पशुओं का बीमा करवाने पर किसानों को सरकार की ओर से 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है. वहीं बीमित पशु की मृत्यु की स्थिति में भी पशुपालक को 50,000 तक के बीमा कवरेज देने का प्रावधान किया गया है. इस योजना से किसानों और पशुपालकों को जानलेवा बीमारियों से पशुधन की हानि होने पर आर्थिक संकट से बचाया जा सकता
र बड़े पशुओं का अलग अलग होगा इंश्योरेंस
आपको बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को अपने छोटे और बड़े दोनों तरह के पालतू पशुओं के लिए अलग अलग सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. बड़े पशुओं में गाय, भैंस, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर और बैल आदि शामिल हैं. वहीं छोटे पशुओं में भेड़, बकरी, खरगोश से लेकर सूअर को भी इस योजना में रखा गया है. दूध देने वाले पशुओं को इंश्योरेंस कवरेज पशु के स्वास्थ्य और उनकी दूध उत्पादन क्षमता के आधार पर तय किया जाता है. जैसे दूध देने वाली गाय पर न्यूनतम 3 हजार रुपये और अधिकतम 40 रुपये दिए जाते हैं. वहीं दूध देने वाली भैंस पर न्यूनतम 4 हजार रुपये और अधिकतम 50 हजार दिए जाते हैं. जबकि बोझा ढोने वाले पशुओं जैसे घोड़ा, गधा, खच्चर और ऊंट की कीमत 50 हजार रुपये तक होगी. इसके अलावा छोटे पशुओं में सुअर, भेड़ और बकरी की कीमत 5 हजार रुपये तय की गई है.
एं योजना का लाभ
पशुधन बीमा योजना के तहत राज्य के पशुपालकों को 3 साल के लिये बीमा करवाने की सुविधा दी जाती है. इसके लिये पशुपालकों को पशु की निर्धारित कीमत पर एक साल के लिये 4.42 फीसदी प्रीमियम, 2 साल के लिये 7.90 फीसदी ब्याज और तीन साल के लिये 10.85 फीसदी ब्याज दर का भुगतान करना होगा. पशुओं का बीमा करवाने के लिये आपको अपने नजदीकी पशुपालन विभाग के कार्यालय में संपर्क करना होगा. इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप https://animalhusbandry.rajasthan.gov.in/home पर भी विजिट कर सकते हैं.
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा ‘पशुधन बीमा योजना’ के माध्यम से किसानों को अपने पालतू जानवरों का इंश्योरेंस कराने की सुविधा दी जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को बीमित पशु की मौत हो जाने पर 50,000 तक का कवरेज दिया जाता है.
से होते हैं ये फायदे
राजस्थान में पशुधन बीमा योजना के तहत पशुओं का बीमा करवाने पर किसानों को सरकार की ओर से 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है. वहीं बीमित पशु की मृत्यु की स्थिति में भी पशुपालक को 50,000 तक के बीमा कवरेज देने का प्रावधान किया गया है. इस योजना से किसानों और पशुपालकों को जानलेवा बीमारियों से पशुधन की हानि होने पर आर्थिक संकट से बचाया जा सकता
र बड़े पशुओं का अलग अलग होगा इंश्योरेंस
आपको बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को अपने छोटे और बड़े दोनों तरह के पालतू पशुओं के लिए अलग अलग सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. बड़े पशुओं में गाय, भैंस, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर और बैल आदि शामिल हैं. वहीं छोटे पशुओं में भेड़, बकरी, खरगोश से लेकर सूअर को भी इस योजना में रखा गया है. दूध देने वाले पशुओं को इंश्योरेंस कवरेज पशु के स्वास्थ्य और उनकी दूध उत्पादन क्षमता के आधार पर तय किया जाता है. जैसे दूध देने वाली गाय पर न्यूनतम 3 हजार रुपये और अधिकतम 40 रुपये दिए जाते हैं. वहीं दूध देने वाली भैंस पर न्यूनतम 4 हजार रुपये और अधिकतम 50 हजार दिए जाते हैं. जबकि बोझा ढोने वाले पशुओं जैसे घोड़ा, गधा, खच्चर और ऊंट की कीमत 50 हजार रुपये तक होगी. इसके अलावा छोटे पशुओं में सुअर, भेड़ और बकरी की कीमत 5 हजार रुपये तय की गई है.
एं योजना का लाभ
पशुधन बीमा योजना के तहत राज्य के पशुपालकों को 3 साल के लिये बीमा करवाने की सुविधा दी जाती है. इसके लिये पशुपालकों को पशु की निर्धारित कीमत पर एक साल के लिये 4.42 फीसदी प्रीमियम, 2 साल के लिये 7.90 फीसदी ब्याज और तीन साल के लिये 10.85 फीसदी ब्याज दर का भुगतान करना होगा. पशुओं का बीमा करवाने के लिये आपको अपने नजदीकी पशुपालन विभाग के कार्यालय में संपर्क करना होगा. इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप https://animalhusbandry.rajasthan.gov.in/home पर भी विजिट कर सकते हैं.