08-28-2023, 12:51 PM
Gold Loan आज के समय में खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन काफी हद तक हमारी मदद करता है। वैसे तो हम कई तरह के लोन ले सकते हैं पर आज के समय में गोल्ड लोन बाकी लोन की तुलना में काफी आसानी से मिल जाती है। ऐसे में सवाल आता है कि आप गोल्ड लोन कैसे चुका सकते हैं। आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Gold Loan: गोल्ड के बदले पैसे उधार लेना सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है और सदियों से समाज का हिस्सा रहा है। कम कागजी करवाई, कम ब्याज दरें और आसानी से पैसा मिलने के कारण गोल्ड लोन से पैसा उठाना एक आकर्षक क्रेडिट उत्पाद बन गया है।
क्या आपने भी लिया है Gold Loan? डिफॉल्ट करने पर हो सकती है ये परेशानी, Credit Score पर भी पड़ता है असर?
Gold Loan आज के समय में खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन काफी हद तक हमारी मदद करता है। वैसे तो हम कई तरह के लोन ले सकते हैं पर आज के समय में गोल्ड लोन बाकी लोन की तुलना में काफी आसानी से मिल जाती है। ऐसे में सवाल आता है कि आप गोल्ड लोन कैसे चुका सकते हैं। आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Gold Loan: गोल्ड के बदले पैसे उधार लेना सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है और सदियों से समाज का हिस्सा रहा है। कम कागजी करवाई, कम ब्याज दरें और आसानी से पैसा मिलने के कारण गोल्ड लोन से पैसा उठाना एक आकर्षक क्रेडिट उत्पाद बन गया है।
आप ऐसे चुका सकते हैं लोन
मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान करने के लिए कई विकल्प हैं। लेनदार ईएमआई के जरिए मूलधन और ब्याज दोनों का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा लेनदार नियमित अंतराल पर ब्याज का भुगतान कर सकता है और कार्यकाल के अंत में मूल राशि का निपटान कर सकता है।
इस विकल्प में, लेनदार को पूरे लोन अवधि के दौरान मूल राशि का भुगतान करने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।
क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है असर?
हालांकि क्रेडिट स्कोर और गोल्ड लोन की मंजूरी के बीच कोई संबंध नहीं है, लेकिन चुकाने में विफलता का इस पर असर पड़ सकता है। भारत में गोल्ड लोन कंपनियां आमतौर पर पुनर्भुगतान में विफलता के संबंध में क्रेडिट ब्यूरो को नोटिस भेजती हैं।
इसके बाद क्रेडिट ब्यूरो सभी एनबीएफसी और बैंकों को सूचित करता है। इससे क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और इस प्रकार भविष्य में लोन के लिए आवेदन करने की संभावना बाधित होती है। यदि लोन दिया भी जाता है तो वह ऊंची ब्याज दर पर होता है।
कम क्रेडिट स्कोर वालों को भी मिलता है गोल्ड लोन
गोल्ड लोन मध्यम शर्तों वाला एक सुरक्षित लोन है जो कम क्रेडिट स्कोर(Credit Score) वाले लेनदार को भी आवेदन करने की अनुमति देता है। कभी कभी ऐसी परिस्थितियां भी होती हैं जब गोल्ड लोन का पुनर्भुगतान चूक जाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पुनर्भुगतान में चूक करने के कई परिणाम हो सकते हैं जो हर मामले में अलग-अलग होते हैं। चलिए जानते है की गोल्ड लोन का पुनर्भुगतान नहीं करने पर क्या-क्या हो सकता है।
देनदार कर सकता है सोने की नीलामी
यदि लेनदार निर्धारित समय सीमा के भीतर गोल्ड लोन (Gold Loan) की पूरी राशि नहीं चुकाता है और बार-बार पुनर्भुगतान का नोटिस प्राप्त करता है, तो गोल्ड लोन देने वाले देनदार को सार्वजनिक रूप से उस गोल्ड की नीलामी करने और नुकसान की वसूली करने का अधिकार है।
कर्ज देने वाली संस्था गिरवी रखे गए सोने की नीलामी से दो सप्ताह पहले कर्जदार को सूचित करती है। नीलामी से बचने के लिए, लेनदार को समय पर प्रतिक्रिया देकर नोटिस का जवाब देना चाहिए।
देनदार वसूल सकता है दंडात्मक ब्याज दर
देनदार समय पर भुगतान करने में विफल रहने वाले लेनदार से दंडात्मक ब्याज दर वसूल सकते हैं। यह ब्याज दर पुनर्भुगतान तिथि के दिन से शुरू होने वाली देय राशि के अधीन है। दंडात्मक ब्याज आमतौर पर 3 प्रतिशत प्रति वर्ष से 12 प्रतिशत प्रति वर्ष के दर से लगाया जाता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Gold Loan: गोल्ड के बदले पैसे उधार लेना सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है और सदियों से समाज का हिस्सा रहा है। कम कागजी करवाई, कम ब्याज दरें और आसानी से पैसा मिलने के कारण गोल्ड लोन से पैसा उठाना एक आकर्षक क्रेडिट उत्पाद बन गया है।
क्या आपने भी लिया है Gold Loan? डिफॉल्ट करने पर हो सकती है ये परेशानी, Credit Score पर भी पड़ता है असर?
Gold Loan आज के समय में खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन काफी हद तक हमारी मदद करता है। वैसे तो हम कई तरह के लोन ले सकते हैं पर आज के समय में गोल्ड लोन बाकी लोन की तुलना में काफी आसानी से मिल जाती है। ऐसे में सवाल आता है कि आप गोल्ड लोन कैसे चुका सकते हैं। आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Gold Loan: गोल्ड के बदले पैसे उधार लेना सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है और सदियों से समाज का हिस्सा रहा है। कम कागजी करवाई, कम ब्याज दरें और आसानी से पैसा मिलने के कारण गोल्ड लोन से पैसा उठाना एक आकर्षक क्रेडिट उत्पाद बन गया है।
आप ऐसे चुका सकते हैं लोन
मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान करने के लिए कई विकल्प हैं। लेनदार ईएमआई के जरिए मूलधन और ब्याज दोनों का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा लेनदार नियमित अंतराल पर ब्याज का भुगतान कर सकता है और कार्यकाल के अंत में मूल राशि का निपटान कर सकता है।
इस विकल्प में, लेनदार को पूरे लोन अवधि के दौरान मूल राशि का भुगतान करने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।
क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है असर?
हालांकि क्रेडिट स्कोर और गोल्ड लोन की मंजूरी के बीच कोई संबंध नहीं है, लेकिन चुकाने में विफलता का इस पर असर पड़ सकता है। भारत में गोल्ड लोन कंपनियां आमतौर पर पुनर्भुगतान में विफलता के संबंध में क्रेडिट ब्यूरो को नोटिस भेजती हैं।
इसके बाद क्रेडिट ब्यूरो सभी एनबीएफसी और बैंकों को सूचित करता है। इससे क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और इस प्रकार भविष्य में लोन के लिए आवेदन करने की संभावना बाधित होती है। यदि लोन दिया भी जाता है तो वह ऊंची ब्याज दर पर होता है।
कम क्रेडिट स्कोर वालों को भी मिलता है गोल्ड लोन
गोल्ड लोन मध्यम शर्तों वाला एक सुरक्षित लोन है जो कम क्रेडिट स्कोर(Credit Score) वाले लेनदार को भी आवेदन करने की अनुमति देता है। कभी कभी ऐसी परिस्थितियां भी होती हैं जब गोल्ड लोन का पुनर्भुगतान चूक जाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पुनर्भुगतान में चूक करने के कई परिणाम हो सकते हैं जो हर मामले में अलग-अलग होते हैं। चलिए जानते है की गोल्ड लोन का पुनर्भुगतान नहीं करने पर क्या-क्या हो सकता है।
देनदार कर सकता है सोने की नीलामी
यदि लेनदार निर्धारित समय सीमा के भीतर गोल्ड लोन (Gold Loan) की पूरी राशि नहीं चुकाता है और बार-बार पुनर्भुगतान का नोटिस प्राप्त करता है, तो गोल्ड लोन देने वाले देनदार को सार्वजनिक रूप से उस गोल्ड की नीलामी करने और नुकसान की वसूली करने का अधिकार है।
कर्ज देने वाली संस्था गिरवी रखे गए सोने की नीलामी से दो सप्ताह पहले कर्जदार को सूचित करती है। नीलामी से बचने के लिए, लेनदार को समय पर प्रतिक्रिया देकर नोटिस का जवाब देना चाहिए।
देनदार वसूल सकता है दंडात्मक ब्याज दर
देनदार समय पर भुगतान करने में विफल रहने वाले लेनदार से दंडात्मक ब्याज दर वसूल सकते हैं। यह ब्याज दर पुनर्भुगतान तिथि के दिन से शुरू होने वाली देय राशि के अधीन है। दंडात्मक ब्याज आमतौर पर 3 प्रतिशत प्रति वर्ष से 12 प्रतिशत प्रति वर्ष के दर से लगाया जाता है।