09-02-2023, 09:40 AM
आईटीसीमार्स एक फिजिटल इकोसिस्टम है जिसे आईटीसी ने पिछले साल लॉन्च किया था। यह नए जमाने की कृषि को बढ़ावा देने में एक गेम चेंजर साबित हो रहा है। आईटीसीमार्स ने तेजी से 9 राज्यों में विस्तार किया है और 600000 से ज्यादा किसानों को 1150 एफपीओ के माध्यम से सहयोग प्रदान कर रहा है। आईटीसी का लक्ष्य 2030 तक 4000 एफपीओ को समर्थन देने का है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कंपनी की 112वीं सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री संजीव पुरी ने 'आईटीसी: नेशन फर्स्ट - ट्रांसफॉर्मिंग फॉर अवर शेयर्ड टुमारोज' पर साझा किए अपने विचार।
'आईटीसी नेक्स्ट' रणनीति का उद्देश्य क्षमताओं का पूर्ण लाभ उठाना, मांग-आधारित कृषि की आवश्यकताओं को पूरा करना, वैल्यू एडिशन को गति देना, उत्पादकता, गुणवत्ता एवं कृषि आय को बढ़ाना, प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाना और जलवायु संबंधी संकटों से निपटना है।
कृषि क्षेत्र में बदलावों के लिए कृषि कार्यों में डिजिटल स्वीकार्यता बढ़ाने और कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की लक्षित नीतियां प्रशंसनीय हैं। इन नीतियों ने आईटीसी को किसानों के लिए डिजिटल क्रांति में सक्षम बनाया है, जिसमें एफपीओ को केंद्र में रखा जाता है।
आईटीसीमार्स एक फिजिटल इकोसिस्टम है, जिसे आईटीसी ने पिछले साल लॉन्च किया था। यह नए जमाने की कृषि को बढ़ावा देने में एक गेम चेंजर साबित हो रहा है। यह नया बिजनेस मॉडल सोर्सिंग, वैल्यू एडिशन और विशेष उत्पादों को बेहतर तरीके से ट्रेस करने की क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाता है, साथ ही पर्यावरण के अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने में भी यह सक्षम है।
आईटीसीमार्स ने तेजी से 9 राज्यों में विस्तार किया है और 6,00,000 से ज्यादा किसानों को 1,150 एफपीओ के माध्यम से सहयोग प्रदान कर रहा है। आईटीसी का लक्ष्य 2030 तक 4,000 एफपीओ को समर्थन देने का है और 40 लाख से एक करोड़ तक किसानों को सशक्त करना है। जैसे-जैसे आईटीसीमार्स का इकोसिस्टम बढ़ेगा, यह खाद्य एवं कृषि कारोबार की प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूती देगा और किसानों को सशक्त करते हुए नए बिजनेस मॉडल को सृजित करेगा।
अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं के खतरे से किसानों को बचा रहा है आईटीसी का सीएसए प्रोग्राम
आईटीसी के क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर (सीएसए) प्रोग्राम का लक्ष्य किसानों को मौसम संबंधी अप्रत्याशित घटनाओं के खतरों से सुरक्षित रखना है। उचित प्रक्रियाओं के साथ-साथ् एग्रोनॉमी प्रैक्टिस, ज्यादा उपज और पर्यावरण की विपरीत परिस्थितियों को सहने में सक्षम प्रजातियों के पैकेज के साथ रीजनरेटिव एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं।
इस पहल के तहत 23 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर किया जा चुका है और 7,40,000 से ज्यादा किसानों को लाभ मिल रहा है। इसके तहत 30 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य है। सीएसए डिस्ट्रिक्ट्स के पहले चरण के आकलन से यह उत्साहजनक तथ्य सामने आया है कि कुछ चुनिंदा फसलों का ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 13 से 66 प्रतिशत तक कम हुआ है और किसानों को मिलने वाला रिटर्न 46 से 93 प्रतिशत तक बढ़ा है। साथ ही, 70 प्रतिशत गांव हाई-रेजिलयंस और हाई यील्ड कैटेगरी में आ गए हैं।
वैल्यू चेन में वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो को बढ़ा रही है आईटीसी
वैल्यू एडिशन, निर्यात और ज्यादा कृषि आय की क्षमता को देखते हुए कृषि क्षेत्र में बागवानी सेगमेंट अवसरों से भरा हुआ क्षेत्र है। यह सेगमेंट कृषि क्षेत्र की जीडीपी में करीब 30 प्रतिशत का योगदान देता है, जबकि कृषि क्षेत्र के मात्र 13 प्रतिशत पर इसकी खेती होती है।
आईटीसी का एग्री बिजनेस मसाले, कॉफी, फ्रोजन मरीन प्रोडक्ट्स, प्रोसेस्ड फ्रूट और ऑर्गेनिक उत्पादों समेत विभिन्न वैल्यू चेन में वैल्यू एडेड उत्पादों के पोर्टफोलियो के दम पर अपना कृषि कारोबार बढ़ा रहा है। विभिन्न औषधीय एवं सुगंधित उत्पादों के क्षेत्र में भी कारोबार को गति मिल रही है।
इस साल आईटीसी ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में निर्यात को ध्यान में रखते हुए एक अत्याधुनिक मसाला केंद्र स्थापित किया है। आईटीसी के इंटीग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट प्रोग्राम के साथ इस संयंत्र ने विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की शुरुआत की है और किसानों को सशक्त करने के साथ ही एग्री वैल्यू चेन को सपोर्ट करते हुए प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाएगा।
इसके साथ ही, आईटीसी की सब्सिडियरी आईटीसी इंडीविजन लिमिटेड ने हाल ही में अमेरिका एवं ईयू के फार्माकोपिया स्टैंडर्ड का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए निकोटीन एवं निकोटीन डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स के उत्पादन एवं निर्यात के लिए विश्व स्तरीय संयंत्र शुरू किया है।
अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस यह संयंत्र तंबाकू उत्पादक किसानों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए ट्रेसेबिलिटी, कंसिस्टेंसी और पर्यावरण के अनुकूल श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाने में सक्षम बनाते हुए उनके साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
निजी क्षेत्र में कृषि उत्पादों की सबसे बड़ी खरीदार है आईटीसी
वर्तमान समय में आईटीसी निजी क्षेत्र में कृषि उत्पादों की सबसे बड़ी खरीदार है। 22 राज्यों में 20 वैल्यू चेन में कंपनी 45 लाख टन उत्पादों की खरीद करती है। इस खरीद के साथ कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव लाने और किसानों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आईटीसी की मल्टीडायमेंशनल पहल से लचीलापन एवं प्रतिस्पर्धी क्षमता और डिजिटल की स्वीकार्यता को बढ़ाने में मदद मिली है, जिससे लाखों किसानों को लाभ हो रहा है। विभिन्न एग्री वैल्यू चेन पर निर्भर आईटीसी के विश्व स्तरीय एफएमसीजी ब्रांड ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव लाने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में योगदान दे रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारे प्रयास कृषि क्षेत्र की प्रगति के नए आयाम खोलेंगे और आईटीसी के व्यवसायों को प्रतिस्पर्धा के मामले में अग्रणी बनाते हुए किसानों को फायदा देंगे।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कंपनी की 112वीं सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री संजीव पुरी ने 'आईटीसी: नेशन फर्स्ट - ट्रांसफॉर्मिंग फॉर अवर शेयर्ड टुमारोज' पर साझा किए अपने विचार।
'आईटीसी नेक्स्ट' रणनीति का उद्देश्य क्षमताओं का पूर्ण लाभ उठाना, मांग-आधारित कृषि की आवश्यकताओं को पूरा करना, वैल्यू एडिशन को गति देना, उत्पादकता, गुणवत्ता एवं कृषि आय को बढ़ाना, प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाना और जलवायु संबंधी संकटों से निपटना है।
कृषि क्षेत्र में बदलावों के लिए कृषि कार्यों में डिजिटल स्वीकार्यता बढ़ाने और कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की लक्षित नीतियां प्रशंसनीय हैं। इन नीतियों ने आईटीसी को किसानों के लिए डिजिटल क्रांति में सक्षम बनाया है, जिसमें एफपीओ को केंद्र में रखा जाता है।
आईटीसीमार्स एक फिजिटल इकोसिस्टम है, जिसे आईटीसी ने पिछले साल लॉन्च किया था। यह नए जमाने की कृषि को बढ़ावा देने में एक गेम चेंजर साबित हो रहा है। यह नया बिजनेस मॉडल सोर्सिंग, वैल्यू एडिशन और विशेष उत्पादों को बेहतर तरीके से ट्रेस करने की क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाता है, साथ ही पर्यावरण के अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने में भी यह सक्षम है।
आईटीसीमार्स ने तेजी से 9 राज्यों में विस्तार किया है और 6,00,000 से ज्यादा किसानों को 1,150 एफपीओ के माध्यम से सहयोग प्रदान कर रहा है। आईटीसी का लक्ष्य 2030 तक 4,000 एफपीओ को समर्थन देने का है और 40 लाख से एक करोड़ तक किसानों को सशक्त करना है। जैसे-जैसे आईटीसीमार्स का इकोसिस्टम बढ़ेगा, यह खाद्य एवं कृषि कारोबार की प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूती देगा और किसानों को सशक्त करते हुए नए बिजनेस मॉडल को सृजित करेगा।
अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं के खतरे से किसानों को बचा रहा है आईटीसी का सीएसए प्रोग्राम
आईटीसी के क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर (सीएसए) प्रोग्राम का लक्ष्य किसानों को मौसम संबंधी अप्रत्याशित घटनाओं के खतरों से सुरक्षित रखना है। उचित प्रक्रियाओं के साथ-साथ् एग्रोनॉमी प्रैक्टिस, ज्यादा उपज और पर्यावरण की विपरीत परिस्थितियों को सहने में सक्षम प्रजातियों के पैकेज के साथ रीजनरेटिव एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं।
इस पहल के तहत 23 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर किया जा चुका है और 7,40,000 से ज्यादा किसानों को लाभ मिल रहा है। इसके तहत 30 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य है। सीएसए डिस्ट्रिक्ट्स के पहले चरण के आकलन से यह उत्साहजनक तथ्य सामने आया है कि कुछ चुनिंदा फसलों का ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 13 से 66 प्रतिशत तक कम हुआ है और किसानों को मिलने वाला रिटर्न 46 से 93 प्रतिशत तक बढ़ा है। साथ ही, 70 प्रतिशत गांव हाई-रेजिलयंस और हाई यील्ड कैटेगरी में आ गए हैं।
वैल्यू चेन में वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो को बढ़ा रही है आईटीसी
वैल्यू एडिशन, निर्यात और ज्यादा कृषि आय की क्षमता को देखते हुए कृषि क्षेत्र में बागवानी सेगमेंट अवसरों से भरा हुआ क्षेत्र है। यह सेगमेंट कृषि क्षेत्र की जीडीपी में करीब 30 प्रतिशत का योगदान देता है, जबकि कृषि क्षेत्र के मात्र 13 प्रतिशत पर इसकी खेती होती है।
आईटीसी का एग्री बिजनेस मसाले, कॉफी, फ्रोजन मरीन प्रोडक्ट्स, प्रोसेस्ड फ्रूट और ऑर्गेनिक उत्पादों समेत विभिन्न वैल्यू चेन में वैल्यू एडेड उत्पादों के पोर्टफोलियो के दम पर अपना कृषि कारोबार बढ़ा रहा है। विभिन्न औषधीय एवं सुगंधित उत्पादों के क्षेत्र में भी कारोबार को गति मिल रही है।
इस साल आईटीसी ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में निर्यात को ध्यान में रखते हुए एक अत्याधुनिक मसाला केंद्र स्थापित किया है। आईटीसी के इंटीग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट प्रोग्राम के साथ इस संयंत्र ने विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की शुरुआत की है और किसानों को सशक्त करने के साथ ही एग्री वैल्यू चेन को सपोर्ट करते हुए प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाएगा।
इसके साथ ही, आईटीसी की सब्सिडियरी आईटीसी इंडीविजन लिमिटेड ने हाल ही में अमेरिका एवं ईयू के फार्माकोपिया स्टैंडर्ड का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए निकोटीन एवं निकोटीन डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स के उत्पादन एवं निर्यात के लिए विश्व स्तरीय संयंत्र शुरू किया है।
अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस यह संयंत्र तंबाकू उत्पादक किसानों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए ट्रेसेबिलिटी, कंसिस्टेंसी और पर्यावरण के अनुकूल श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाने में सक्षम बनाते हुए उनके साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
निजी क्षेत्र में कृषि उत्पादों की सबसे बड़ी खरीदार है आईटीसी
वर्तमान समय में आईटीसी निजी क्षेत्र में कृषि उत्पादों की सबसे बड़ी खरीदार है। 22 राज्यों में 20 वैल्यू चेन में कंपनी 45 लाख टन उत्पादों की खरीद करती है। इस खरीद के साथ कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव लाने और किसानों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आईटीसी की मल्टीडायमेंशनल पहल से लचीलापन एवं प्रतिस्पर्धी क्षमता और डिजिटल की स्वीकार्यता को बढ़ाने में मदद मिली है, जिससे लाखों किसानों को लाभ हो रहा है। विभिन्न एग्री वैल्यू चेन पर निर्भर आईटीसी के विश्व स्तरीय एफएमसीजी ब्रांड ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव लाने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में योगदान दे रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारे प्रयास कृषि क्षेत्र की प्रगति के नए आयाम खोलेंगे और आईटीसी के व्यवसायों को प्रतिस्पर्धा के मामले में अग्रणी बनाते हुए किसानों को फायदा देंगे।