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₹2250 की प्राइवेट जॉब के लिए छोड़ दी IAS की नौकरी, आज संभाल रहे 2.60 लाख करोड़ की कं
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मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन रह चुके आरसी भार्गव ने IAS की नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी की और मारुति में काम करना शुरू किया। उन्होंने कंपनी की सफलता बढ़ाई और अच्छे परिणाम प्राप्त किए। उनकी सैलरी आज 1.5 करोड़ रुपये है और कंपनी का मार्केट कैप 2.60 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

नई दिल्ली: आईएएस की नौकरी किसे पसंद नहीं होगी। सैलरी के साथ-साथ उनका रुतबा अलग ही होता है। सरकारी घर, गाड़ी, तमाम सुविधाएं। हर कोई ऐसी नौकरी चाहता है, लेकिन IAS की नौकरी आसान नहीं है। UPSC की कठिन परीक्षा और ट्रेनिंग के बाद कोई कलक्टर बन पाता है। इतनी कठिन परिक्षा और ऐसा रुतबा, क्या कोई IAS की नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी करना चाहेगा? यकीनन कोई भी ऐसी सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी के बारे में सोचेगा तक नहीं। लेकिन आर सी भार्गव (RC Bhargava) ने अपने सपने को पूरा करने के लिए ऐसा किया। कलक्टर के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने प्राइवेट नौकरी की।

कौन हैं आरसी भार्गव

लाइमलाइट से दूर रहने वाले आर सी भार्गव मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki) के चेयरमैन हैं। मारुति ज्वाइंन करने से पहले वो एक सफल आईएएस अधिकारी (IAS) रह चुके हैं। न केवल IAS बल्कि UPSC के टॉपर थे। भार्गव 1956 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। भार्गव ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से मैथ्स में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के विलियम्स कॉलेज से डेवलपमेंटल इकोनॉमिक्स में मास्टर ऑफ आर्ट्स किया। इसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। साल 1956 में एग्जाम दिया और टॉप कर गए।

क्यों छोड़ दी IAS की नौकरी

आईएएस अधिकारी के तौर पर कई सालों तक काम करने के बाद एक दिन अचानक उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने प्राइवेट नौकरी कर ली। पहली नौकरी मारुति सुजुकी में लगी। उस वक्त उनकी पहली सैलरी मात्र 2250 रुपये थी। सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी करने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन भार्गव ने अपने इस फैसले को सही साबित कर दिखाया। साल 1981 में वो मारुति से साथ जुड़े। एक कर्मचारी के तौर पर कंपनी से जुड़े भार्गव ने अपने कामों से मैनेजमेंट को इतना प्राभावित किया कि कुछ ही सालों में वो मारुति सुजुकी ज्वाइंट वेंचर के डारेक्टर बन ए। साल 1985 में एमडी का पद संभाला। साल 1997 से अब तक वो मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन बने हुए है।

कंपनी की ऊंचाईयों तक पहुंचाया

भार्गव जब मारुति के साथ जुड़े तो वो 48 साल के थे, आज वो 88 साल के हो चुके है। 40 सालों में भार्गव ने कंपनी ने नई ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया। जापान की सुजुकी कंपनी के मालिक ओसामु सुजुकी ने साल 2015 में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि भार्गव के बिना उनकी कंपनी भारत में सफल नहीं हो पाती। जहां उनकी पहली सैलरी मात्र 2250 रुपये थी आज वो हर महीने 1.5 करोड़ की सैलरी लेते हैं। भार्गव के नेतृत्व में मारुति ने पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये के रिवेन्यू का आंकड़ा पार किया है। भार्गव ने कंपनी का मार्केट कैप 2.60 लाख करोड़ पर पहुंचा दिया है।
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