04-02-2023, 01:29 PM
[b]IRCTC: इस बदलाव के बाद रेलवे अधिकारियों को अब अटेंडेंट को बुलाने के लिए उठकर कमरे से बाहर जाना होगा. अधिकारी यदि किसी काम में व्यस्त हैं तो उन्हें फोन से अटेंडेंट को बुलाना होगा.[/b]
Indian Railways New Rule: भारतीय रेलवे के सिस्टम में रेलवे की तरफ से लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. रेलवे में धीरे-धीरे वीआईपी कल्चर भी खत्म किया जा रहा है. इसी बदलाव के तहत पिछले दिनों रेल मंत्रालय की तरफ से फैसला लिया गया कि अधिकारियों की मेज पर घंटी नहीं रहेगी. मंत्री के सेल में इस फैसले को लागू कर दिया गया है. इस बदलाव के बाद रेलवे अधिकारियों को अब अटेंडेंट को बुलाने के लिए उठकर कमरे से बाहर जाना होगा. अधिकारी यदि किसी काम में व्यस्त हैं तो उन्हें फोन से अटेंडेंट को बुलाना होगा. रेल मंत्रालय का यह फैसला फिलहाल मंत्री सेल में लागू हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि यह फैसला जल्द रेलवे बोर्ड में भी लागू होगा.
[b][b]रेल कोच को लेकर बड़ा फैसला लिया गया[/b][/b]
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा था कि आने वाले सालों में देश को रेलवे का नया रूप देखने को मिलेगा. उन्होंने हाल ही में राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा था कि सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त एक मेडिकल बॉक्स उपलब्ध रहेगा.
फ्रंट लाइन स्टॉफ यानी ट्रेन टिकट परीक्षक, ट्रेन गार्ड और अधीक्षक, स्टेशन मास्टर आदि को प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. सभी रेलवे स्टेशनों पर नजदीकी अस्पतालों और डॉक्टरों की सूची उनके संपर्क नंबरों के साथ उपलब्ध है. रेलवे, राज्य सरकार के या निजी अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग घायल, बीमार यात्रियों को अस्पतालों व डॉक्टर के क्लीनिक तक पहुंचाने के लिए किया जाता है.
Indian Railways New Rule: भारतीय रेलवे के सिस्टम में रेलवे की तरफ से लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. रेलवे में धीरे-धीरे वीआईपी कल्चर भी खत्म किया जा रहा है. इसी बदलाव के तहत पिछले दिनों रेल मंत्रालय की तरफ से फैसला लिया गया कि अधिकारियों की मेज पर घंटी नहीं रहेगी. मंत्री के सेल में इस फैसले को लागू कर दिया गया है. इस बदलाव के बाद रेलवे अधिकारियों को अब अटेंडेंट को बुलाने के लिए उठकर कमरे से बाहर जाना होगा. अधिकारी यदि किसी काम में व्यस्त हैं तो उन्हें फोन से अटेंडेंट को बुलाना होगा. रेल मंत्रालय का यह फैसला फिलहाल मंत्री सेल में लागू हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि यह फैसला जल्द रेलवे बोर्ड में भी लागू होगा.
[b][b]रेल कोच को लेकर बड़ा फैसला लिया गया[/b][/b]
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा था कि आने वाले सालों में देश को रेलवे का नया रूप देखने को मिलेगा. उन्होंने हाल ही में राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा था कि सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त एक मेडिकल बॉक्स उपलब्ध रहेगा.
फ्रंट लाइन स्टॉफ यानी ट्रेन टिकट परीक्षक, ट्रेन गार्ड और अधीक्षक, स्टेशन मास्टर आदि को प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. सभी रेलवे स्टेशनों पर नजदीकी अस्पतालों और डॉक्टरों की सूची उनके संपर्क नंबरों के साथ उपलब्ध है. रेलवे, राज्य सरकार के या निजी अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग घायल, बीमार यात्रियों को अस्पतालों व डॉक्टर के क्लीनिक तक पहुंचाने के लिए किया जाता है.