12-31-2022, 01:25 PM
"सेफ सेक्स" यानी सुरक्षित यौन संबंध 1980 के दशक का एक आम नारा था. एचआईवी का पता चला और उस पर व्यापक बहस भी चली. लेकिन सुरक्षित सेक्स का विचार लगता है फिर से भुला दिया गया है. शायद इसका संबंध इस बात से भी है कि आपने 80 के दशक का खौफ झेला या नहीं. लेकिन ऐसे भी संकेत हैं कि खासतौर पर नयी पीढ़ी में यौन संक्रमित बीमारियों यानी एसआईटी के बारे में जागरूकता का अभाव है.
[b]सिफलिस संक्रमण के सामान्य लक्षण क्या हैं?[/b]
सिफलिस के लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते हैं. अक्सर ही किसी को अल्सर या फोड़ा होने पर, ट्रेपोनेमा पैलीडम नाम का जो बैक्टीरिया शरीर में घुसता है वही सिफलिस का कारण भी बनता है. घाव एक दाने के आकार से एक सेंटीमीटर चौड़ा भी हो सकता है. पुरुषों में ये घाव पेनिस यानी शिश्न में उभर आता है. औरतों में ये वजाइना यानी योनि में मिल सकता है. ये संक्रमण गुदा के आसपास भी उभर सकता है और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी.
खराब अर्थव्यवस्था की भेंट चढ़ते सुरक्षित यौन संबंध
विशेषज्ञ नॉर्बर्ट ब्रॉकमायर के मुताबिक, "कुछ लोगों में, अल्सर होंठों पर या जीभ पर आ जाता है. अंगुलियों पर भी ये बैक्टीरिया फैल सकता है. ये सिफलिस की पहली अवस्था है, प्राइमरी स्टेज."
[b]शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं[/b]
संक्रमित होने वाले लोग अक्सर सिफलिस के शुरुआती चिन्हों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. हो सकता है उन्हें अहसास न होता हो कि वो है क्या और मान बैठते हों कि वो खुदबखुद गायब हो जाएगा. लेकिन सिफलिस रोग अपने आप ही नहीं उभर आता है. वो संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संसर्ग यानी संभोग की वजह से होता है और अपने आप जाता भी नहीं है.
समस्या अपने आप हल नहीं होती, शुरुआत में भले ही ऐसा लगे. कई मामलों में करीब तीन हफ्ते बाद अल्सर खुदबखुद भरने लगता है. ब्रॉकमायर कहते हैं, "एक अनिश्चित अवधि के बाद, चमड़ी पर चकत्ते उभर आते हैं क्योंकि विषाणु खून के जरिये पूरे शरीर में फैल चुके होते हैं. उसका मतलब पूरे शरीर में घाव होने लगते हैं. कुछ उभर आते हैं कुछ में पपड़ियां जम जाती हैं, कुछ लाल हो जाते हैं."