04-03-2023, 03:24 PM
अपनी मेहनत की कमाई को कहीं अच्छी जगह लगाना चुनौतीपूर्ण काम है. बाजार में बहुत से निवेश ऑप्शन मौजूद हैं. सब स्कीम्स में कुछ खूबियां हैं तो कुछ खामियां भी हैं. इसी वजह से निवेशक उलझन में पड़ जाता है. फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit) और डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में से किसे चुनना चाहिए, इसे लेकर भी बहुत से लोगों के मन में दुविधा रहती है. वहीं, कुछ लोग सोचते हैं कि दोनों एक जैसे ही हैं. हालांकि, ऐसा है नहीं. फिक्स्ड डिपॉजिट को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. लेकिन, इसकी एक खामी यह है कि इसमें रिटर्न बहुत ज्यादा नहीं मिलता.
अभी तक यह देखा गया है कि एफडी के मुकाबले डेट म्यूचुअल फंड ने ज्यादा रिटर्न दिया है. डेट फंड को छोटी अवधि का निवेश माना जाता है. डेट फंड में बाजार से जुड़ा है रिस्क है. देश के प्रमुख बैंक 1 से 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7. 5 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं. आमतौर पर डेट फंड का रिटर्न बैंक एफडी से ज्यादा होता है. अगर आपको भी इन दोनों में से किसी एक में पैसा लगाना चाहते हैं, तो पहले इनके रिटर्न, जोखिमों और टैक्सेशन के बारे में जान लें
रिटर्न
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मनी हनी फाइनेंशियल सर्विसेज के अनूप भईया (Anup Bhaiya) का कहना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर डेट फंड पर ज्यादा होता है क्योंकि सेकेंडरी मार्केट में बॉन्ड यील्ड ब्याज दरों में परिवर्तन पर तेजी से रिएक्ट करती है. वहीं, एफडी की ब्याज दरें देरी से बढ़ती हैं. हालांकि, डेट फंड रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं. वहीं, एफडी में रिटर्न की गारंटी होती है.
रिस्क
सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर और अर्थफिनप्लान डॉट कॉम की फाउंडर प्रियदर्शिनी मूले (Priyadarshini Mulye) का कहना है कि फिक्स्ड डिपॉजिट में लगाई 5 लाख रुपये तक की राशि पर पूरी तरह सुरक्षित होती है. लेकिन, डेट फंड में ऐसी कोई गारंटी नहीं मिलती.
अभी तक यह देखा गया है कि एफडी के मुकाबले डेट म्यूचुअल फंड ने ज्यादा रिटर्न दिया है. डेट फंड को छोटी अवधि का निवेश माना जाता है. डेट फंड में बाजार से जुड़ा है रिस्क है. देश के प्रमुख बैंक 1 से 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7. 5 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं. आमतौर पर डेट फंड का रिटर्न बैंक एफडी से ज्यादा होता है. अगर आपको भी इन दोनों में से किसी एक में पैसा लगाना चाहते हैं, तो पहले इनके रिटर्न, जोखिमों और टैक्सेशन के बारे में जान लें
रिटर्न
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मनी हनी फाइनेंशियल सर्विसेज के अनूप भईया (Anup Bhaiya) का कहना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर डेट फंड पर ज्यादा होता है क्योंकि सेकेंडरी मार्केट में बॉन्ड यील्ड ब्याज दरों में परिवर्तन पर तेजी से रिएक्ट करती है. वहीं, एफडी की ब्याज दरें देरी से बढ़ती हैं. हालांकि, डेट फंड रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं. वहीं, एफडी में रिटर्न की गारंटी होती है.
रिस्क
सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर और अर्थफिनप्लान डॉट कॉम की फाउंडर प्रियदर्शिनी मूले (Priyadarshini Mulye) का कहना है कि फिक्स्ड डिपॉजिट में लगाई 5 लाख रुपये तक की राशि पर पूरी तरह सुरक्षित होती है. लेकिन, डेट फंड में ऐसी कोई गारंटी नहीं मिलती.