05-15-2023, 09:24 AM
नई दिल्ली. खेती अगर तरीके से की जाए तो यह कमाई का एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है. ऐसे में अगर आप भी खेती के जरिए अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम यहां आपको एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया दे रहे हैं. यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें आप घर बैठे बंपर कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको कहींभटकने की भी जरूरत नहीं है.
हम यहां बात कर रहे हैं केले की खेती के बारे में. केला एक नकदी फसल है. आपको बता दें कि एक बार केले के पौधे लगाने पर इससे 5 साल तक फल मिलते रहते हैं. इसमें किसानों को तुरंत पैसे मिलते हैं. आज कल किसान केले की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
फसल देती है खूब मुनाफा
केला भारत का एक लोकप्रिय फल है. देश में लगभग हर गाँव में केले के पेड़ पाए जाते हैं. केले की खेती, कम लागत में शानदार मुनाफा देती है. यही वजह है कि इन दिनों बहुत से किसान केले की खेती कर रहे हैं. किसान अब गेहूं, मक्का की पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसल की ओर बढ़ रहे हैं.
ऐसे करें खेती की शुरुआत
बता दें कि केले की खेती के लिए गर्म एवं सम जलवायु उत्तम मानी जाती है. वहीं अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में केला की खेती बेहतर होती है. जीवांश युक्त दोमट और मटियार दोमट भूमि केले की खेती के लिए बेहतर मानी जानी है. साथ ही केले की फसल के लिए भूमि का PH मान 6-7.5 तक उपयुक्त मानी जाती है.
तना आएगा खर्च और कितनी होगी बचत
जानकारों के मुताबिक, एक बीघे केले की खेती करने में करीब 50,000 रुपये लागत आती है. इसमें दो लाख रुपये तक की आसानी से बचत हो जाती है. वहीं बाकी फसलों के मुकाबले में केले के फसल में जोखिम कम है. केले की फसल उगाने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करने से लागत और भी कम हो जाती है. किसानों को गोबर की खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. यह कहा जाता है कि केले की कटाई के बाद जो कचरा बचता है उसे खेत के बाहर नहीं फेंकना चाहिए. इसे खेत में ही पड़े रहने देना चाहिए. यह खाद का काम करता है.
इन किस्मों की खेती बेहतर
आपको बता दें कि इसकी खेती लगभग पूरे भारत वर्ष में की जाती है. खेती के लिए सिंघापुरी के रोबेस्टा किस्म के केले को बेहतर माना जाता है. इससे पैदावार ज्यादा होती है. बसराई, ड्वार्फ, हरी छाल, सालभोग, अल्पान तथा पुवन इत्यादि प्रजातियाँ भी केले की अच्छी किस्में मानी जाती हैं. केले की खेती में रिस्क कम और फायदा ज्यादा होने के कारण किसान इसकी खेती को ज्यादा तवज्जो देते हैं.
अलावा पत्तों की भी होगी बिक्री
केले की खेती में इसके पत्तों की बिक्री से आपको डबल फायदा मिल सकता है. इसके पत्तों का इस्तेमाल रेस्टोरेंट आदि में पत्तल के रूप में किया जाता है. बता दें कि केले का एक पौधा करीब 60 से 70 किलो की पैदावार दे सकता है. वहीं केले में शर्करा एवं खनिज लवण जैसे कैल्सियम तथा फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. फलों का उपयोग पकने पर खाने हेतु, कच्चा सब्जी बनाने और इसके आलावा आटा बनाने तथा चिप्स बनाने के लिए भी किया जाता है.
हम यहां बात कर रहे हैं केले की खेती के बारे में. केला एक नकदी फसल है. आपको बता दें कि एक बार केले के पौधे लगाने पर इससे 5 साल तक फल मिलते रहते हैं. इसमें किसानों को तुरंत पैसे मिलते हैं. आज कल किसान केले की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
फसल देती है खूब मुनाफा
केला भारत का एक लोकप्रिय फल है. देश में लगभग हर गाँव में केले के पेड़ पाए जाते हैं. केले की खेती, कम लागत में शानदार मुनाफा देती है. यही वजह है कि इन दिनों बहुत से किसान केले की खेती कर रहे हैं. किसान अब गेहूं, मक्का की पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसल की ओर बढ़ रहे हैं.
ऐसे करें खेती की शुरुआत
बता दें कि केले की खेती के लिए गर्म एवं सम जलवायु उत्तम मानी जाती है. वहीं अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में केला की खेती बेहतर होती है. जीवांश युक्त दोमट और मटियार दोमट भूमि केले की खेती के लिए बेहतर मानी जानी है. साथ ही केले की फसल के लिए भूमि का PH मान 6-7.5 तक उपयुक्त मानी जाती है.
तना आएगा खर्च और कितनी होगी बचत
जानकारों के मुताबिक, एक बीघे केले की खेती करने में करीब 50,000 रुपये लागत आती है. इसमें दो लाख रुपये तक की आसानी से बचत हो जाती है. वहीं बाकी फसलों के मुकाबले में केले के फसल में जोखिम कम है. केले की फसल उगाने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करने से लागत और भी कम हो जाती है. किसानों को गोबर की खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. यह कहा जाता है कि केले की कटाई के बाद जो कचरा बचता है उसे खेत के बाहर नहीं फेंकना चाहिए. इसे खेत में ही पड़े रहने देना चाहिए. यह खाद का काम करता है.
इन किस्मों की खेती बेहतर
आपको बता दें कि इसकी खेती लगभग पूरे भारत वर्ष में की जाती है. खेती के लिए सिंघापुरी के रोबेस्टा किस्म के केले को बेहतर माना जाता है. इससे पैदावार ज्यादा होती है. बसराई, ड्वार्फ, हरी छाल, सालभोग, अल्पान तथा पुवन इत्यादि प्रजातियाँ भी केले की अच्छी किस्में मानी जाती हैं. केले की खेती में रिस्क कम और फायदा ज्यादा होने के कारण किसान इसकी खेती को ज्यादा तवज्जो देते हैं.
अलावा पत्तों की भी होगी बिक्री
केले की खेती में इसके पत्तों की बिक्री से आपको डबल फायदा मिल सकता है. इसके पत्तों का इस्तेमाल रेस्टोरेंट आदि में पत्तल के रूप में किया जाता है. बता दें कि केले का एक पौधा करीब 60 से 70 किलो की पैदावार दे सकता है. वहीं केले में शर्करा एवं खनिज लवण जैसे कैल्सियम तथा फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. फलों का उपयोग पकने पर खाने हेतु, कच्चा सब्जी बनाने और इसके आलावा आटा बनाने तथा चिप्स बनाने के लिए भी किया जाता है.