05-17-2023, 07:56 AM
नई दिल्ली. आजकल साइबर फ्रॉड का मामला बहुत बढ़ गया है. ऐसे में हर दिन अलग-अलग तरह के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से खूब फ्रॉड होने लगे हैं. हाल ही में लखनऊ की अंजली नाम की एक लड़की ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड की शिकार हुई है.
अंजली ने एक वेबसाइट पर शॉपिंग की है. पैसे अकाउंट से कट गए हैं, लेकिन वेबसाइट पर ट्रांजैक्शन अनसक्सेसफुल दिख रहा था. ऐसे में उसने अपने एक रिश्तेदार को फोन किया. उसने बताया कि वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर फोन किया तो पता चला कि यह नंबर एग्जिट नहीं करता है. इससे वो काफी घबरा गई.
ये भी पढ़ें- साइबर ठगों का नया पैंतरा! आईफोन चुराकर खाते से उड़ा दिए 8 लाख रुपये
ऑनलाइन कर सकते हैं शिकायत
अंजली की बात सुनकर उसके रिश्तेदार को यह पक्का यकीन हो गया कि वो साइबर फ्रॉड का शिकार हुई है. चूंकि यह अमाउंट सिर्फ 1200 रुपये था, इसलिए चिंता बड़ी बात नहीं थी. जब अंजली ने अपना बैंक बैलेंस चेक किया तो पता चला कि कटे पैसे को छोड़ अकाउंट में बाकी पैसे हैं. फिर अंजली के उस रिश्तेदार ने गूगल पर National Cyber Crime Reporting Portal सर्च करने के बाद शिकायत दर्ज कराई. उन्हें उस पर ट्रांजैक्शन से जुड़ी कई जानकारियां भरनी पड़ी.
रोजाना लाखों लोग हो रहे फ्रॉड का शिकार
सवाल है कि ऐसी फर्जी वेबसाइट बनाकर रोजाना कितने लोगों को चूना लगाया जा रहा है? फ्रॉड का शिकार होने के बाद कितने लोग अपना कंप्लेन दर्ज कराते हैं? नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल कितने दिनों में ऐसे मामलों का निपटारा करता है? क्या अकाउंट का पैसा वापस मिलता है? ऐसी फर्जी वेबसाइटों को इंटरनेट पर होस्ट करने की इजाजत क्यों दी जाती है? क्या KYC के बावजूद गलत लोग अपना आईडी बनाने में सफल हो रहे हैं?
अंजली ने एक वेबसाइट पर शॉपिंग की है. पैसे अकाउंट से कट गए हैं, लेकिन वेबसाइट पर ट्रांजैक्शन अनसक्सेसफुल दिख रहा था. ऐसे में उसने अपने एक रिश्तेदार को फोन किया. उसने बताया कि वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर फोन किया तो पता चला कि यह नंबर एग्जिट नहीं करता है. इससे वो काफी घबरा गई.
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ऑनलाइन कर सकते हैं शिकायत
अंजली की बात सुनकर उसके रिश्तेदार को यह पक्का यकीन हो गया कि वो साइबर फ्रॉड का शिकार हुई है. चूंकि यह अमाउंट सिर्फ 1200 रुपये था, इसलिए चिंता बड़ी बात नहीं थी. जब अंजली ने अपना बैंक बैलेंस चेक किया तो पता चला कि कटे पैसे को छोड़ अकाउंट में बाकी पैसे हैं. फिर अंजली के उस रिश्तेदार ने गूगल पर National Cyber Crime Reporting Portal सर्च करने के बाद शिकायत दर्ज कराई. उन्हें उस पर ट्रांजैक्शन से जुड़ी कई जानकारियां भरनी पड़ी.
रोजाना लाखों लोग हो रहे फ्रॉड का शिकार
सवाल है कि ऐसी फर्जी वेबसाइट बनाकर रोजाना कितने लोगों को चूना लगाया जा रहा है? फ्रॉड का शिकार होने के बाद कितने लोग अपना कंप्लेन दर्ज कराते हैं? नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल कितने दिनों में ऐसे मामलों का निपटारा करता है? क्या अकाउंट का पैसा वापस मिलता है? ऐसी फर्जी वेबसाइटों को इंटरनेट पर होस्ट करने की इजाजत क्यों दी जाती है? क्या KYC के बावजूद गलत लोग अपना आईडी बनाने में सफल हो रहे हैं?